लाहौल-स्पीति के उदयपुर गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध

जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में कृषि मंत्री के गांव उदयपुर में ग्रामीणों ने पड़ोसी गांव सहित अन्य लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरोना से निपटने के लिए ग्रामीणों ने उदयपुर का बॉर्डर पूरी तरह से सील कर दिया है। कोरोना संक्रमित कोई शख्स इलाके में न आए, इसके लिए गांव की सरहद से लगते तीन जगहों पर ग्रामीण  दिन रात पहरा दे रहे हैं।


गांव में प्रवेश करने वाले हर शख्स की पूरी डिटेल खंगाली जा रहा है। राहगीरों से गांव आने का मकसद पूछ कर ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। पड़ोस के ही दूसरे गांव से आने वाले रिश्तेदारों को उदयपुर में घरों में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अस्पताल आने वाले मरीजों या फिर राशन की खरीदारी के लिए पहुंचने वालों को ही गांव के भीतर प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

रोजाना हर घर की तलाशी इसलिए ली जा रही है, कहीं कोई बाहर से आए रिश्तेदार और मेहमानों को ठहराया तो नहीं गया है। अगर कोई मेहमान घर मे मिल जाए तो उसे तत्काल गांव छोड़ने को कहा जा रहा है। यह सब ग्रामीणों की सहमति से हो रहा है। प्रदेश जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य शमशेर झेग ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे गांव ने यह निर्णय लिया है कि उनके गांव में कोई भी बाहरी शख्स बिना जरूरी काम के प्रवेश नहीं करेगा।

किसी जरूरी काम से उदयपुर पहुंचने वाले शख्स को घर के बाहर ही खाना खिलाया जा रहा है। स्थानीय निवासी बीडीसी मेंबर बलदेव मियां ने कहा कि कर्फ्यू के नियमों का यहां लोग सख्ती से पालन कर रहे हैं। गांव के धीरज, शमशेर, सुरेश, सुदेश ने कहा कि गांव में रहने वाले किरायेदारों को हालात सामान्य होने तक किसी मेहमान को न बुलाने को कहा गया है।